पटना जिले के डुमरी गांव में रहने वाले प्रवीण कुमार को पारिवारिक बंटवारे के बाद कुछ भी नहीं मिला
उनके पिता के पास जो थोड़ी सी खेती की जमीन थी वह भी बिक गई। धीरे-धीरे घर की आर्थिक हालत बहुत ही खराब हो गई।
प्रवीण की पढ़ाई भी ठीक से नहीं हुई। समय के साथ-साथ उनकी शादी भी हो गई और फिर बच्चे भी। कभी कहीं कुछ काम मिल जाता तब तो गुजारा हो जाता वरना दाल-रोटी भी बड़े नसीब की बात
होती थी। अब बेटा उन्नत कुमार ने पढ़ाई
शुरू कर दी थी। उन्नत की मां माधुरी देवी को भी बच्चों को पढ़ाने का बड़ा शौक था। उन्होंने उन्नत का एक स्थानीय स्कूल में ही एडमिशन करवा दिया
था। भोला-भाला उन्नत पढ़ाई में खूब मन लगाता था। बचपन से ही जैसे पुरानी किताबों से ही काम चलाने की आदत पड़ गई थी उन्नत को। अब उन्नत आठवीं कक्षा में पहुंच चुका था। पैसे का बहुत अभाव था। मां थोड़ा बहुत पढ़ी