चाणक्य नीति Chanakya niti Stri chanakya niti about woman in hindi

 Chanakya niti stri

   वह माता के समान हमारी रक्षा करती है, मित्रऔर माता के समान हमें शुभ कार्यों के लिए प्रेरित करती है, बाल्यावस्था से लेकर मृत्युपर्यंत वह हमारी संरक्षिका बनी रहती है। नारी सृष्टि के आरम्भ से अनन्त गुणों की आगार रही है….!

  तो फिर हम जानते हैं की चाणक्य  स्त्रियों के प्रति क्या विचार हैं

औरत के बारे में आचर्य चाणक्य नीति 

पुरुषों के मुकाबले औरतों का आहार दोगुना शर्म चौगुनी साहस 6 गुनाऔर कामवासना 8 गुना अधिक होती है और आदमी की अपेक्षा अधिक कोमल होती है  उसका कारण कि उसमें पुरुष से 4 गुना अधिक शर्म होती है किंतु वह पुरुष से 2 गुना अधिक भोजन करती है यही कारण है कि औरतों में वासना की आग  पुरुष से अधिक होती है

 

अज्ञानता: 
  चाणक्य के अनुसार स्त्री को ज्ञानवान होना       
      चाहिए.    समाज के निर्माण में स्त्रियों की भूमिका सबसे अहम मानी गई है.
     शिक्षित और ज्ञान से पूर्ण स्त्रियां ही इस समाज  
     को नई दिशा प्रदान करती हैं. 
 
     क्योंकि वे इस गुण से घर को स्वर्ग बनाती हैं. घर  
     से  ही समाज के निर्माण का रास्ता बनता है.

     राजा ,गुरु, दोस्त ,की पत्नी ,और सास    

      माता   के समान होती है।
  इसके साथ बड़े संबंध रखने वाला तथा इन्हें बुरी 
      नजर से देखने वाला महापापी होता है।
 ”झूठ, बेईमानी, धोखा, हेराफेरी ,लालच ,क्रोध,  
     औरतों के स्वाभाविक दोष माने जाते हैं 
 
 
  यदि कोई औरत ऐसा व्यवहार किसी पुरुष से       करती है तो इसमें हैरान होने की कौन सी बात है?
 
 1.     वही औरत असली औरत मानी जाती है जो 
         पवित्र और चालाक है।
2.     पतिव्रत्ता है, वह अपने पति से प्रेम करती है                सच बोलती है।
       ऐसी औरत जिस घर में हो वह सदा ही         
       सौभाग्यशाली होता है
 
 3  औरत कितनी भी बड़ी क्यों ना हो जाए मगर वह औरत कितनी भी बड़ी क्यों ना हो
 जाए मगर वह अपने को सदा जवान ही समझती है 
 
 4.   उसकी यह कोशिश होती है कि वह किसी न  
    किसी तरीके से जवान बनी रहे पुरुष उसके पीछे फिरता  रहे।

 

चाणक्य नीति पत्नी कैसी होनी चाहिए?chanakya good wife in hindi

 
 1#  वास्तव में पत्नी वह है जो भोजन के समय मां         के समान, 
     सेज पर वेश्या के समान,
     कार्य के समय  मंत्री के समान,
     तथा सेवा के समय दासी के समान,  आचरण   
     करती है
 
2#     मासिक धर्म के पश्चात औरत  कुंवारी लड़की       की  भांति ही पवित्र हो जाती है ।
     पुरुषों के लिए जरूरी है कि वे मासिक धर्म के     
     दिनों  
     में भूलकर भी औरत से संभोग ना करें।
     इससे पुरुषों की आयु कम हो जाती है
 
  इस दुनिया का सबसे बड़ा आकर्षण क्या है? 
     जिसके आगे दुनिया को जीतने वाला विवश होकर       बंदर की तरह नाचने लगता है ।
 
वह ऐसी कौन -सी  शक्ति है?
     इन सब प्रश्नों का उत्तर एक ही है ।
     केवल औरतों की सुंदरता और जवानी ।

 

  बुरे समय के लिए धन  को बचा कर रखना 
      चाहिए।  “धन से औरत की भी रक्षा करनी  
      चाहिए।”
     प्राणी सदा बुरे समय को सामने रखें ।
     इस समय में धन की जरूरत पड़ती है इसलिए धन 
     को सदा संभाल कर रखें 
     औरत और धन कभी भी धोखा
     दे सकते हैं इन दोनों के बारे
     में सदा चौकस रहें ।
1.    लड़की यदि अच्छे वंस की हैं  
   और सुंदर नहीं है तो उससे
    शादी कर लेनी चाहिए ।
 
    यदि लड़की  बहुत सुंदर हो किंतु अच्छे वंश की ना 
    हो तो भूलकर भी उससे शादी ना करें।
    शादी  सदा अपने ही बराबर के परिवार में करनी 
    चाहिए। 

 

।। जो पागल है समझते हैं कि कोई सुंदर लड़की  
    उनके   प्यार के जाल में फंस गई है

 

 

     वही 1 दिन उस  प्रेम जाल में अंधा होकर बंदर 
     की भांति नाचा  करते  है।।

 

1 .लालच: से बचे
   स्त्रियों को इस अवगुण से चाणक्य ने बचने के लिए कहा है. चाणक्य के अनुसार जब स्त्री  लालज करने लगती है
2.  तो वह घर की सुख शांति को नष्ट करने लगती है.  
   घर  
  के सदस्यों का जीवन तनाव से भर जाता है. 
  तनाव से व्यक्ति की कार्यकुशलता प्रभावित होने  
  लगती है
 3. और एक दिन ऐसा आता है कि सबकुछ नष्ट हो 
  जाता  है.
1. जो औरत दूसरों से बात करती है और दूसरों के 
  अंदाज को देखती है उस औरत का प्यार सदा    
  धोखे  
  भरा होता है
 
2.उससे बचना चाहिए ऐसी औरतें किसी एक की 
   होकर नहीं रह सकती।
3.एक छोटे से सावधान पर्वत को उंगली पर धारण 
 
 करने के कारण ही श्री भगवान जी को गोवर्धन धारी 
 माना गया परंतु स्वयं तीनों लोगों को धारण करने  
 वाले 
 
 इन भगवान जी को इस्त्री गोवर्धन धारी कुचों के  
 अनुभाग पर धारण करती है।
4.  अब कल्पना कीजिए
  कि यदि
  तीनों लोकों के स्वामी भगवान जी को औरत अपने  
 
  जाल में फंसा सकती है तो फिर आम आदमी का 
  क्या   हाल होगा ?
 

chanakya niti about woman in hindi

 1. औरत  ईश्वर से भी अधिक शक्तिशाली और बोझ  
   उठाने वाली है।
 
2. ” सुंदर से सुंदर औरत का शरीर क्या है?
  मांस हड्डियां उसके यौन अंग ?
  आदमी इसी में खो जाना चाहता है
 
3  अरे ‘ यह तो वास्तव में एक बहुत बड़ा नर्क है  
   इससे  
   सदा अपने को बचा कर रखने का प्रयत्न करें।

chanakya niti stri.

1.परिवारिक  झगड़ों के पीछे अधिकतर हाथ औरतों     का ही होता है इसलिए बुद्धिमान पुरुषों को यह    
  सोच  लेना चाहिए 
  कि केवल पुरुषों के लिए लड़ने झगड़ने से क्या    
  लाभ  
  हो सकता है ?
2.अंहकार से बचे

 

स्त्री को अंहकार से बचना चाहिए. स्त्री को कभी भी  
  किसी बात का अहंकार नहीं करना चाहिए
  चाणक्य ने स्त्रियों के लिए अंहकार को बेहद    
  खतरनाक बताया है. 
  अहंकार के कारण घर के देवियां रूठ जाती है सरस्वती लक्ष्मी