Women’s Day Speech in Hindi: वर्तमान युग को नारी उत्थान का युग कहां जाय तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी, आज हमारे देश भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में अपना पताका फहरा रही है, मौजूदा सरकारें भी महिलाओं को हर क्षेत्र में अपना भविष्य निर्माण करने का अवसर उपलब्ध करा रही हैं जो महिलाओं के विकास के लिए रामबाण साबित हो रहा है। वर्तमान में पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली नारी किसी पर भार नहीं बनती वरन अन्य साथियों को सहारा देकर प्रसन्न होती है, यदि हम ‘सभी विदेशी भाषा एवं पोशाक को अपनाने में गर्व महसूस करते हैं तो क्या ऐसा नहीं हो सकता कि उनके व्यवहार में आने वाले सामाजिक न्याय की नीति को अपनाएं और कम से कम अपने घर में नारी की स्थिति सुविधाजनक एवं सम्मानजनक बनाने में भी पीछे ना रहे।
कौन भूल सकता है माता जीजाबाई को, जिसकी शिक्षा-दीक्षा ने शिवाजी को महान देशभक्त और कुशल योद्धा बनाया। कौन भूल सकता है पन्ना धाय के बलिदान को पन्नाधाय का उत्कृष्ट त्याग एवं आदर्श इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। वह उच्च कोटि की कर्तव्य परायणता थी। अपने बच्चे का बलिदान देकर राजकुमार का जीवन बचाना सामान्य कार्य नहीं। हाड़ी रानी के त्याग एवं • बलिदान की कहानी तो भारत के घर-घर में गायी जाती है। रानी लक्ष्मीबाई, रजिया सुल्ताना, पद्मिनी और मीरा के शौर्य एवं जौहर एवं भक्ति ने मध्यकाल की विकट परिस्थितियों में भी अपनी सुकीर्ति का झण्डा फहराया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं।
भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है। संस्कृत में एक श्लोक है:-
‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः ।।
अर्थात्, जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। और दूसरा पक्ष यह भी है कि
शोचन्ति जामयो यत्र विनश्यत्याशु तत्कुलम् ।
न शोचन्ति तु यत्रैता वर्धते तद्धि सर्वदा ।। यत्र जामयः शोचन्ति तत् कुलम् आशु विनश्यति, यत्र तु एताः न शोचन्ति तत् हि सर्वदा वर्धते ।
जिस कुल में स्त्रियाँ कष्ट भोगती हैं, वह कुल शीघ्र ही नष्ट हो, जाता है और जहाँ स्त्रियाँ प्रसन्न. रहती है वह कुल सदैव फलता फूलता और समृद्ध रहता है।
(परिवार की पुत्रियों, बन्धुओ नवविवाहिताओं आदि जैसे निकट संबंधिनियों को ‘जामि’ कहा गया है।) किंतु वर्तमान में जो हालात दिखाई देते हैं, उसमें नारी का हर जगह अपमान होता चला जा रहा है। उसे ‘भोग की वस्तु’ समझकर आदमी ‘अपने तरीके’ से ‘इस्तेमाल’ कर रहा है। यह बेहद चिंताजनक बात है। लेकिन हमारी संस्कृति को बनाए रखते हुए नारी का सम्मान कैसे किया जाए इस पर विचार करना आवश्यक है
महिलाएं हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रही हैं, पढ़िए अलग-अलग क्षेत्र की उपलब्धियां अपनी स्पीच शामिल करें
1.भारतीय हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया ने 31 जुलाई 2021 को टोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रचा। उन्होंने अफ्रीका के खिलाफ मैच में हैट्रिक लगाई। वे ओलिंपिक के 125 साल के इतिहास में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं।
2.साल की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर
स्मृति मंधाना को आईसीसी ने 2021 की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर चुना है
3.शूटिंग विश्व कप में पहली पदक विजेता
गनीमत शूटिंग विश्व कप में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला हैं। 20 साल की सेखों ने आईएसएसफ विश्व कप में स्कीट स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।
4.इंजीनियर ऑफ द ईयर से सम्मानित
एकमात्र महिला सुरंग इंजीनियर
एनी सिन्हा रॉय मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में प्रोजेक्ट सीनियर रेजिडेंट इंजीनियर हैं। वे देश की एकमात्र महिला सुरंग इंजीनियर हैं।
5.नीना गुप्ता 2021 का रामानुजन पुरस्कार जीता 70 वर्ष पुरानी गणित पहेली सुलझाई
अलजेब्रिक जियोमेट्री और कम्यूटेटिव अल्जेब्रा में शानदार कार्य के लिए नीना गुप्ता को ‘विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों का 2021 रामानुजन पुरस्कार दिया गया है। कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान में प्रोफेसर यह पुरस्कार पाने वाली तीसरी महिला और चौथी भारतीय हैं। उनके द्वारा हल किए गए सवाल को हाल के वर्षों में कहीं भी किए गए बीजगणितीय ज्यामिति में सर्वश्रेष्ठ कार्य माना गया है। यह कठिन सवाल 1949 में ऑस्कर जारिस्की ने प्रस्तुत किया था।
6.मेघा राजगोपालन पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित
चीन का झूठ दुनिया के सामने लाईं
मेघा राजगोपालन की रिपोर्ट्स ने चीन के डिटेंशन कैंपों में लोगों को दी जा रही यातना की सच्चाई को दुनिया के सामने उजागर किया। उन्होंने सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण कर बताया कि चीन ने कैसे लाखों उइगर मुसलमानों को कैद करके रखा है। इसके लिए उन्हें 2021 का पुलित्जर पुरस्कार मिला।
7. मैत्री पटेल
देश की सबसे छोटी पायलट, उम्र 19 साल
महज 19 साल की उम्र में मैत्री भारत की सबसे कम उम्र की कमर्शियल पायलट हैं। उनके पिता कांतिलाल पटेल किसान हैं
इस महिला दिवस का मंत्र है
ख़ुद पर फोकस । स्वयं को देखना। इसे पल्लू, दुपट्टे के छोर या रुमाल में गांठ बांधकर रख लीजिए।
जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में देखिए कि कहीं आप दूसरों पर बेवजह निर्भर तो नहीं, औरों पर लदी हुई तो नहीं हैं, भले ही वे आपके परिजन हों। सोचिए कि आप अपने तन-मन के किसी अहम पहलू को अनदेखा तो नहीं कर रहीं ।
आपने औरों के लिए बहुत कुछ किया है, बेशक आगे भी करती रहेंगी, अपनी जिम्मेदारियां तो निभाएंगी ही, किंतु अब ख़ुद पर भी ग़ौर कीजिए
🙂 साभार दैनिक भास्कर